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अयोधया में निर्मित राम मंदिर

अयोधया  में निर्मित राम मंदिर

अयोध्या में निर्मित राम मंदिर एक ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल है, जिसे भगवान राम के जन्मस्थान पर बनाया गया है। इस मंदिर का निर्माण, भारतीय इतिहास के एक महत्वपूर्ण घटना का परिणाम है जिसका सम्बंध बाबरी मस्जिद के विवाद से था।


वास्तु विवरण

 वास्तुकार  सोमपुरा परिवार

(चन्द्रकांत सोमपुरा[1]

निखिल सोमपुरा और अशीष सोमपुरा[2])

निर्माता    श्री  राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्रलार्सन एंड टूब्रो द्वारा निर्माण (सीबीआरआई, राष्ट्रीय भूभौतिकीय अनुसंधान संस्थानऔर आईआईटी द्वारा सहायता प्राप्त)

स्थापित  अपेक्षित 22 जनवरी 2024

निर्माण  पूर्ण   3 साल, 9 माह, 1 सप्ताह और 4 दिन से निर्माणाधीनमंदिर   1

एकड़ जमीन

राम जन्मभूमि ट्रस्ट द्वारा जानकारी दी गई है कि अब राम मंदिर परिसर 107 एकड़ के क्षेत्र में बनाया जाएगा. पहले ये जगह सिर्फ 70 एकड़ की थी. ट्रस्ट के मुताबिक, श्री राम जन्मभूमि परिसर के आसपास ट्रस्ट ने 7285 स्क्वायर फीट ज़मीन खरीदी है. जिसके बाद अब राम मंदिर परिसर का निर्माण 107 एकड़ में किया जाएगा.

लागत

राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय बताते हैं कि अयोध्या के राम मंदिर के निर्माण कार्य में तथा मंदिर से जुड़े हुए अन्य खर्चों में लगभग 900 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं.

मंदिर ट्रस्ट के बैंक खातों में 3000 करोड़ रुपए से ज्यादा का धन है

राम मन्दिर का नक्शा

राम मन्दिर का नक्शा सोमपूर शिल्पकार विश्वकर्मा सोमपूर  ने बनाया था

1.  भूमि पूजन:  राम मंदिर के निर्माण का पहला कदम 5 अगस्त 2020 को भूमि पूजन के रूप में उठाया गया था। इस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अयोध्या के मुख्य न्यायाधीश और अन्य महत्वपूर्ण व्यक्तियों ने शामिल हुए थे।


2. सुप्रीम कोर्ट का फैसला: राम मंदिर के निर्माण के पहले, सुप्रीम कोर्ट ने 2019 में बाबरी मस्जिद के स्थान पर राम जन्मभूमि के लिए स्थान का आधार रखते हुए फैसला किया था।


3. निर्माण की प्रक्रिया: राम मंदिर का निर्माण एक विशाल भव्यता के साथ हुआ है। इसमें स्थान के चारों ओर सुरक्षा द्वारे रखी गई और निर्माण के लिए विशेषज्ञ और कुशल शिल्पकलाकारों को जोड़ा गया।


4. भव्यता और सांस्कृतिक महत्व:  राम मंदिर भारतीय सांस्कृतिक और ऐतिहासिक परंपराओं का हिस्सा है और यह भगवान राम के प्रति भक्ति और श्रद्धांजलि का केंद्र है। इसका निर्माण भारतीय समाज में एक सांस्कृतिक समर्थन के रूप में भी देखा जा रहा है।


राम मंदिर का निर्माण भारतीय समाज में एक सांस्कृतिक और धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण स्थान की भूमिका निभा रहा है, जो लोगों के बीच एकता और समरसता की भावना को बढ़ावा देने में भी सहायक हो रहा है। 

राम मंदिर का उद्धघाटन 22 जनवरी 2024 को अयोधया में होगा | भारत के प्रधान मंत्री के द्वारा राम मंदिर का उद्घाटन किया जायेगा 






राम मंदिर अयोध्या, उत्तर प्रदेश, भारत में स्थित है और हिन्दू धर्म के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है. यहां पर सनातन धर्म के अनुयायियों के अनुसार, भगवान राम का जन्म हुआ था.


राम मंदिर का इतिहास भारतीय समर्थ राज्य अयोध्या के पुरातात्विक और ऐतिहासिक विवादों से जुड़ा हुआ है. मुख्यत: इस जगह पर बाबर के सेनापति मीर बाकी ने 1528 में एक मस्जिद का निर्माण कर दिया था, जिसे बाबरी मस्जिद कहा जाता है. इसके बाद, राम भक्तों और हिन्दू समुदाय के प्रति इस स्थान पर आपत्ति थी, जिससे अयोध्या में विवाद शुरू हो गया.


1992 में, एक हिन्दू कार्यकर्ता समूह ने बाबरी मस्जिद को तोड़ दिया, जिससे भूमि पर हिन्दू भगवान राम के मंदिर की नींव रखी गई. इसके बाद से हिन्दू और मुस्लिम समुदाय के बीच इस स्थान पर समझौते की कवायद चल रही है, लेकिन इस मुद्दे पर विभिन्न न्यायिक प्रक्रियाएं चल रही हैं.


भारतीय समाज में राम मंदिर का निर्माण एक महत्वपूर्ण और चर्चित विषय रहा है, और इससे जुड़े विचार-विमर्श और न्यायिक प्रक्रिया जारी हैं.

राम मंदिर के  गर्भ गृह  में स्थापित रामलला  की मूर्ति 




रामलला  के आने की ख़ुशी में सभी भारत वासियो ने बड़े उल्लास  से राम जी के  आने के उत्सव में अनेक अनेक कार्येक्रम  आयोजित किये है | सभी मंदिरो में कीर्तन , सुन्दर कांड  का पाठ एवं भंडारा आयोजित किया है | इससे यह पता चलता है की पुरे भारत में राम जी के आने की ख़ुशी का ठिकाना नहीं है | सभी मंदिरो व   घरो में दिए जलाने  का प्रण  लिया गया है | सभी गलियों व  मंदिरो को प्रकाश से जग मग किया जा रहा है | यह उत्सव इस प्रकार मनाया जा रहा है मानों  दीपावली  हो २२ जनवरी  २०२४ को सभी के घर में कम से कम ५ दिपक  आवश्ये  जलाये  जाएंगे  | और यह उत्सव सदैव  इसी  प्रकार मनाया जायेगा | 

रामलला के आने की ख़ुशी के उपलक्ष में जग मगाई  हुई दिल्ली की गलियों की कुछ तस्वीरें 

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